Hindustani
तू ही तो है वो, जिसने देखा था
वो वक़्त नही जब कोई यहाँ जीता था
टुकड़ों पे ज़िंदा थे अपने ही घर में
थे क़ैद कभी भी मिट जाने के डर में
तू ही तो वो है, जो फिर था लाया
जीत के अपनी शान, झंडा लहराया
तू ही तो बना वो मिसाल बनी वो कहानी
तू ही तो वो है..
ए हिंदुस्तानी, ए हिंदुस्तानी
ए हिंदुस्तानी, ए हिंदुस्तानी
ए हिंदुस्तानी, ए हिंदुस्तानी
ए हिंदुस्तानी…. ओ………..
धुआँ धुआँ हैं हर तरफ
कोई है जला कोई है बरफ
लूटा लूटा कोई फिर रहा
कोई है बिके यहाँ बेफरक
फिर से है रहा जाग हॅवा
जाने है कहाँ तेरा इंसान – २
तेरी एक ही हाँ में है हिम्मत
जितनी ना है दुनिया में ताक़त
तुझमें है भगत, तुझमें गाँधी
तू ही तो वो है,
ए हिंदुस्तानी,
हिंदुस्तानी,
हिंदुस्तानी…..