परिंदे
ये मचलती हैं लहरें हर समय,
ये आग की हैं लपटें हर कहीं,
इस कैद में जल रहें हैं हम यहाँ,
इन चीखों से उभरती ये उड़ान |
Chorus –
… परिंदे–2
चीर दें आसमान |
bridge-
तेरे ही हैं ये रास्ते,
रोशनी की खोज के वास्ते,
ये पंछी हम ही तो हैं ,
उड़ चलें देश के वास्ते |
bridge–6
तोड़ दो जंजीरों को,
पा लो इन मंजिलों को,
ये परिंदे हम ही हैं ,
जीत लो आसमानों को |
chorus –
… परिंदे–2
चीर दें आसमान |
… परिंदे–2
चीर दें आसमान ||
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