जन्नत
सावन के मौसम में तू कितनी प्यारी लगती है.
फूलों की, बूँदों की, खुश्बू सहला कर जाए..
लगता है , के जैसे, यहीं ख़ुदा है.
ये मेरा हिन्दुस्तान.
ख्वाबों का है जहाँ.
मेरी गोद में सोना,
मेरी आहत पे उठना,
जब मुझे छोड़ जाएगा,
यादों में मुझे रखना.
तू मेरी राहत है, तू ही मेरी जन्नत है.
उम्मीदें, जसबातें, सब तुझसे सीखा हूँ मैं.
हर साँस में तेरा नाम लू,
तू ही है मेरी जान,
ये मेरा हिन्दुस्तान.
ख्वाबों का है जहाँ.
मेरी गोद में सोना,
मेरी आहत पे उठना,
जब मुझे छोड़ जाएगा,
यादों में मुझे रखना.
तू कभी रुकना नहीं,
तू कभी झुकना नहीं,
तू कभी ताकना नहीं.
ख्वाब जो भी है तेरे,
पूरे तू करना उन्हे,
मंज़िल है पाना तुझे.
दिल पे ना ज़ोर डाल,
आँसू ना तू बहा,
हर बाज़ी ले जाना.
Akhil Panchal
Great composition!! Nicely sung!! Hats off!!