वतन के साथ!
रोशनी चुपति नही जिस देश मे हम है !
दूरिया बनती नही इस प्रेम डगर मे!
दुनिया मे सबसे अलग, भारत ही है!
हम सबको गर्व से जीना है!
जिस धरती ने हुमको है सजाया,
इस आँगन के हम शुक्रुगुज़ार!
वतन के साथ बाड़ेंगे हम
और वतन के साथ चलेंगे
वंधे मातरम्, वंधे मातराम (२)
ज्ञान का विज्ञान का बंदार यहा है!
सच्चे दिल से करते है हम प्यार यहा पे!
कुछ बी हो हार नही मानेंगे हम!
देश हमे जान से प्यारा है!
जिस मिट्टी ने हुमको है बनाया,
इस पाठ को हम ना छोड़ेंगे!
वतन के साथ बाड़ेंगे हम
वतन के साथ चलेंगे
वंधे मातराम, वंधे मातरम(२)