ब्रदर्स (Brothers)
खोजते रहें एक दूसरे में खामियाँ
खुश हुएँ सुन्न अपने भाई की बदनामियाँ
की कोई कह गया के हम दोनो यार नहीं
आँखें बंद माने ऐसे, जैसे प्यार नही
हम संग हैं पर क्यूँ हम साथ नही
अरसे हुए गले मिले कोई मुलाक़ात नही
धड़कने एक सी है, एक सा है ज़ुबान
सरहदों में हो अमन, दोनो की यही दुआ
देर तो हो गयी पर फ़िक्र की बात नही
सुबह में जो ना बदले ऐसी कोई रात नही
हम संग हैं पर क्यूँ हम साथ नही
अरसहुए गले मिले कोई मुलाक़ात नही